नए पेरेंट्स शिशु की देखभाल में रखें इन 4 बातों का ध्यान, छोटी सी गलती पड़ सकती है भारी

 


नए पेयरेंट्स के लिए नवजात शिशु की देखभाल का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहां चार महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए:

सुरक्षा: शिशु की सुरक्षा सबसे पहले महत्वपूर्ण है। उनके आसपास की स्थितियों को ध्यान से जांचें और किसी भी खतरे को हटा दें, जैसे कि तेज विद्युत प्रवाह, धूप, तेज गर्मी या ठंड, तेज ध्वनि या जहां बहुत सारे लोग हों। शिशु को सुरक्षित स्थानों पर ही छोड़ें और उनकी चिंता के लिए हमेशा उपलब्ध रहें।

आहार: नवजात शिशु के लिए सही आहार प्रदान करना आवश्यक है। मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम पोषण का स्रोत होता है, इसलिए मां को ध्यान देना चाहिए कि वह अपने शिशु को पर्याप्त मातृमिल्क प्रदान करती है। यदि इसमें कोई समस्या होती है, तो पेडियाट्रिशियन की सलाह लें और उनके द्वारा सुझाए गए दूध या तरल पोषाहार का उपयोग करें।

स्वच्छता: शिशु की स्वच्छता का ख़ास ध्यान रखें। उन्हें नियमित रूप से स्नान कराएं और संक्रमण से बचाने के लिए हाथ धोने का आदत बनाएं। उनकी लंबी नखों को काटें ताकि वे अपने चेहरे को चोट पहुंचा सकें। स्वच्छता को अपने शिशु की आदत का हिस्सा बनाएं ताकि वे बड़े होते हुए इसे स्वतंत्र रूप से कर सकें।

संपर्क: नवजात शिशु के साथ नियमित संपर्क रखना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें प्यार और मां की गोद का आनंद दें। शिशु के साथ बातचीत करें, उनके लिए गीत गाएं और उनके लिए खिलौने और संगीत वाले संकलन का उपयोग करें। इससे उनके विकास और आपसी बंधन का मजबूत होना सुनिश्चित होगा।

यदि आपको शिशु की देखभाल में किसी विशेष मुद्दे पर सलाह चाहिए, तो कृपया एक पेडियाट्रिशियन से संपर्क करें।

 

शिशु को पकड़ने से पहले हाथ धोएं

 

बिल्कुल सही! शिशु को पकड़ने से पहले हाथ धोना बहुत महत्वपूर्ण है। यह शिशु की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यदि आपके हाथ साफ नहीं होंगे, तो शिशु को किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है।

हाथ धोते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

अपने हाथों को गर्म पानी और साबुन से धोएं: अपने हाथों को साबुन और गर्म पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। साबुन को अच्छी तरह से घसितें ताकि आपके हाथों के सभी भागों पर साफ़ साबुन का लागू हो सके।

हाथों को अच्छी तरह से रगड़ें: हाथों को मिलाकर अच्छी तरह से रगड़ें, खासकर उंगलियों, नखों और हथेली के आसपास की जगहें। इससे छोटे-छोटे अनुषंगिक अंशों से भी बचा जा सकता है।

सफ़ाई के लिए एक साफ़ तौलिये का उपयोग करें: हाथ धोने के लिए एक साफ़ तौलिये का उपयोग करें और उसे साफ़ और सुखे हाथों से पोंछें। ध्यान दें कि आप एक ही तौलिये का उपयोग करके अपने हाथों को पोंछते हैं, नवजात शिशु के शरीर को नहीं छूते हैं।

अन्य विशेष संकेतों का ध्यान रखें: यदि आप बीमार हैं, तो शिशु को पकड़ने से पहले हाथों को धोने के बाद एक फेस मास्क पहनें। इसके अलावा, यदि शिशु अत्यधिक अस्वस्थ है या उनमें चिपचिपा अथवा गंधकीला बहुत खांसी रही है, तो पकड़ने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

यदि आप इन निर्देशों का पालन करेंगे, तो आप अपने शिशु को सुरक्षित रखेंगे और संक्रमण की संभावना को कम करेंगे।

 

गर्दन और सिर का रखें खास ख्याल

 

जी हां, गर्दन और सिर की देखभाल नवजात शिशु के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। नीचे दिए गए टिप्स के माध्यम से आप इन रेखाओं का ख़ास ख़याल रख सकते हैं:

सही सपोर्ट प्रदान करें: जब शिशु को पकड़ें, सही तरीके से उनकी गर्दन और सिर को सपोर्ट करें। नवजात शिशु के गले का हिस्सा बहुत कमजोर होता है और उनके सिर को सही ढंग से समर्थन देना आवश्यक होता है। जब आप उन्हें उठाने या पकड़ने के लिए हाथ या बाहु इस्तेमाल करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि उनकी गर्दन सही सपोर्ट प्राप्त कर रही है।

सही स्पष्टीकरण और मुद्रा: शिशु की गर्दन और सिर को सही स्पष्टीकरण और मुद्रा में रखना भी महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी स्पाइन और गर्दन को कोई दबाव नहीं पड़ रहा है और वे सही स्थिति में हैं। जब शिशु सो रहा हो, उनकी सिर और गर्दन को स्थिर रखने के लिए एक समर्थनी पिलो या मांसपेशियों का उपयोग करें।

नक की सही स्थिति: शिशु के लिए नक की सही स्थिति भी महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी गले और शिशु के आसपास के क्षेत्र को कोई दबाव नहीं पड़ रहा है। शिशु को नगण्य स्थिति में सोने दें और नक को स्पष्टीकृत करने के लिए उनके नक के नीचे एक समर्थनी पिलो प्लेस करें।

टम्परेचर कंट्रोल: शिशु के सिर और गर्दन को ठंडे हवाओं या गर्मियों से सुरक्षित रखें। यह सिकियाती हो जाएगी कि उन्हें उचित तापमान में रखा जाएगा। अपने शिशु के सिर को एक ऊँची कटरी या सोची में सुनिश्चित करें ताकि वह धरातल पर समर्थन प्राप्त कर सके और उचित हवा की आवश्यकता को पूरा कर सके।

इन संरक्षण उपायों का पालन करने से आप अपने शिशु की गर्दन और सिर को सुरक्षित और स्वस्थ रखेंगे। यदि आपके पास किसी विशेष चिंता या सवाल की आवश्यकता हो, तो सर्टिफाइड पेडियाट्रिशियन से सलाह लेना सर्वोत्तम होगा।

 

शिशु को हिलाए नहीं

 


जी हाँ, शिशु को हिलाना एक महत्वपूर्ण नियम है जिसका आपको ध्यान रखना चाहिए। नवजात शिशु के शरीर का हिस्सा बहुत कमजोर होता है, विशेष रूप से उनकी गर्दन और सिर। हिलाने से पहले इसके खतरों के बारे में जागरूक रहें:

गर्दन और स्पाइन की चोट: शिशु को हिलाने से उनकी गर्दन और स्पाइन पर चोट लगने की संभावना होती है, क्योंकि उनकी मांसपेशियों और हड्डियों का विकास अभी पूरा नहीं हुआ होता है। यह उन्हें सीरियस चोट या स्पाइन के क्षति के लिए संकेत कर सकता है।

नक की चोट: शिशु को हिलाने से उनकी नक पर भी चोट लग सकती है। इसके परिणामस्वरूप, वे दर्द महसूस कर सकते हैं और उन्हें बहुत असहनीयता हो सकती है।

शिशु के शोध में बिगड़: अगर आप शिशु को ज़्यादा हिलाएंगे, तो वह बहुत चिढ़ जाएंगे और उनके शोध में बिगड़ हो सकती है। यह उनके विकास और सुषम न्यूरोलॉजिकल संपर्क को प्रभावित कर सकता है।

इन खतरों को देखते हुए, शिशु को हिलाने से बचें और शिशु को बेड, लिए, या सुरक्षित स्थान पर सुविधाजनक रखें। शिशु को हिलाने की आवश्यकता होने पर, उन्हें बेहतर सपोर्ट के साथ संभाले और धीरे-धीरे हिलाएं।

यदि आपके पास शिशु की देखभाल से संबंधित किसी भी विशेष प्रश्न या चिंता हो, तो सबसे अच्छा होगा कि आप एक पेडियाट्रिशियन से परामर्श करें।

 

नहलाते समय रहें सावधान

 

शिशु को नहलाते समय सावधानी बरतना बहुत महत्वपूर्ण है। नीचे दिए गए सुरक्षा संरक्षण उपायों को ध्यान में रखें:

स्नान का तापमान: शिशु को स्नान कराने से पहले, पानी का तापमान सही होना चाहिए। अपने हाथों की तापमान से नाप करें और नवजात शिशु के लिए सुरक्षित और आवश्यक तापमान को ध्यान में रखें। सामान्यतः, शिशु का स्नान कराने के लिए पानी का तापमान 37-38 डिग्री सेल्सियस (98.6-100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट) होना चाहिए।

स्नान का समय: शिशु को स्नान कराने का समय के साथ भी सावधानी बरतें। शिशु को भारी भोजन के बाद स्नान नहीं कराना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें अवसाद का खतरा होता है। शिशु को भूख लगने के एक घंटे बाद स्नान कराने का प्रयास करें।

स्नान का स्थान: शिशु को स्नान कराते समय स्थान का ध्यान रखें। सुनिश्चित करें कि स्नान करने के लिए शिशु को सुरक्षित और आरामदायक स्थान पर रखा जाता है। एक स्नान टब या बटवान में शिशु को रखने के लिए आरामदायक स्थान का चयन करें। स्नान कराते समय शिशु के पास नहीं छोड़ें और हमेशा उन्हें नजदीकी दिखाई दें।

स्नान के उपकरण: उपयुक्त स्नान उपकरणों का उपयोग करें और शिशु के लिए एक नर्सरी स्नान प्रोडक्ट खरीदें। इससे आप शिशु को सही स्थिति में और सुरक्षित रखेंगे। ध्यान रखें कि स्नान प्रोडक्ट उच्च गुणवत्ता का हो, स्थिरता प्रदान करें और शिशु को सहारा देने के लिए पकड़ या अवधारण के लिए योग्य हों।

इन सुरक्षा संरक्षण उपायों का पालन करने से, आप शिशु को स्नान के समय सुरक्षित और स्वस्थ रखेंगे। यदि आपको किसी विशेष समस्या या सवाल का सामना करना पड़े, तो सर्टिफाइड पेडियाट्रिशियन से सलाह लेना सर्वोत्तम होगा।

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