नवजात शिशुओं में गैस बनने पर आजमाएं ये 5 घरेलू उपाय, जल्द मिलेगा आराम


 नवजात शिशुओं में गैस की समस्या आम होती है। इसके लिए आप निम्नलिखित 5 घरेलू उपायों को आजमा सकते हैं, जो नवजात शिशु को तुरंत आराम प्रदान कर सकते हैं:

बुरप कराएं: नवजात शिशु को बुरप कराने से उसकी पेट की गैस निकल सकती है। इसके लिए उसे धीरे से उठाएं और मुँह के पास अपना हाथ रखें, फिर उसे हल्की-फुल्की ताकत से दबाएं। इससे गैस निकलेगी और शिशु को आराम मिलेगा।

पेट मालिश करें: नवजात शिशु के पेट की मालिश करने से उसकी पेट में बनी गैस का प्रबंध हो सकता है। आप अपने हाथों को गर्म करें और फिर शिशु के पेट पर हल्के से घुमाव दें। यह उसे सुखद अनुभव दिलाएगी और गैस को कम करने में मदद करेगी।

हैंगर पूजा करें: हैंगर पूजा एक ऐसा आसन है जिसे शिशु को गैस की समस्या के लिए किया जा सकता है। इसे करने के लिए, शिशु को सुपीने पर लेटाएं और उसकी पीठ को हल्के से घुमाएं। यह उसकी पेट में गैस को कम करने में मदद कर सकता है।

वार्म बैथ दें: गर्म पानी की एक टोटले में शिशु के पैरों को डालें और उन्हें थोड़ी देर तक रगड़ें। यह शिशु को आराम देगा और उसकी पेट की गैस को कम करने में मदद करेगा।

नियमित मात्रा में खिलाएं: ध्यान दें कि शिशु को अधिक गैस बनाने वाले आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके लिए अपने बच्चे को धीरे-धीरे परिचित कराएं और नवजात शिशु को अपने आहार में संतुलित और स्वस्थ आहार खिलाएं।

यहां दी गई उपायों को आजमाने के बावजूद, यदि शिशु की समस्या बरकरार रहती है या और किसी परेशानी का कारण बनती है, तो बेहतर होगा कि आप चिकित्सक से परामर्श करें।

 

नवजात शिशु के पेट में गैस होने के लक्षण

 

नवजात शिशु के पेट में गैस होने के कुछ आम लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

रोना या क्राइंग: गैस के कारण नवजात शिशु अधिक रो सकते हैं या दुखी हो सकते हैं। यदि वे अकारण रो रहे हों और आराम नहीं कर रहे हों, तो इसका कारण गैस हो सकती है।

पेट में सुअर की तरह की मुड़बियाँ: गैस के कारण नवजात शिशु के पेट में मुड़बियाँ हो सकती हैं। इसे आप उनके पेट के क्षेत्र में दबाने से महसूस कर सकते हैं।

पेट की तनाव: गैस के कारण नवजात शिशु का पेट तनावित हो सकता है। यदि उनका पेट हार्ड या तना हो रहा हो और वे अस्वस्थ दिख रहे हों, तो इसमें गैस का होना संभव है।

पेट के उच्च भाग में धारीदार ध्वनि: गैस के कारण नवजात शिशु के पेट के उच्च भाग में गुरुत्वाकर्षण के साथ धारीदार ध्वनि सुनाई दे सकती है। यह ध्वनि गैस के बचाव के लिए बनती है।

विचिंतता या अशांति: गैस के कारण नवजात शिशु चिंतित और अशांत हो सकते हैं। वे बेचैन हो सकते हैं और आराम नहीं कर पा सकते हैं।

यदि आपके नवजात शिशु में इन लक्षणों का सामना हो रहा है, तो शिशु को आराम देने के लिए उपरोक्त घरेलू उपायों को आजमा सकते हैं। हालांकि, यदि लक्षण बाधित होते रहते हैं या और ज्यादा परेशानी का कारण बनते हैं, तो बेहतर होगा कि आप चिकित्सक से परामर्श करें।

नवजात शिशु को गैस से राहत दिलाने के लिए घरेलू उपाय

नवजात शिशु को गैस से राहत दिलाने के लिए घरेलू उपाय


नवजात शिशु को गैस से राहत दिलाने के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:

बुरप कराएं: शिशु को बुरप कराना गैस को निकालने में मदद कर सकता है। उन्हें उठा लें और हल्के हाथ से उनके पीठ को दबाएं, जिससे वे बुरप करें। इससे गैस निकलेगी और उन्हें राहत मिलेगी।

पेट मालिश करें: नवजात शिशु के पेट की मालिश करना गैस को कम करने में मदद कर सकता है। आप अपने हाथों को गर्म करें और फिर हल्के हाथों से शिशु के पेट को घुमाएं। यह उन्हें सुखद अनुभव दिलाएगी और गैस को कम करने में मदद करेगी।

वार्म बैथ दें: गर्म पानी के एक टोटले में शिशु के पैरों को रगड़ें। इससे उन्हें आराम मिलेगा और गैस कम हो सकती है।

अदरक का उपयोग करें: आप अपने शिशु के लिए थोड़ा सा अदरक पीसकर गर्म पानी में मिलाकर दे सकते हैं। इसके लिए आप चावल के पानी को अदरक के साथ मिला सकते हैं। यह गैस को कम करने में मदद करेगा।

ब्रासी करें: अपने शिशु को ब्रासी (गैस को छोड़ने वाली ध्वनि) कराने के लिए उन्हें नियमित रूप से गुदगुदाने का प्रयास करें। इससे उनके पेट में फंसी गैस को छोड़ने में मदद मिलेगी।

याद रखें, ये उपाय सावधानीपूर्वक और संतुलित रूप से करें। यदि आपका शिशु अधिक परेशान हो रहा है या ये समस्या बनी रहती है, तो बेहतर होगा कि आप चिकित्सक से परामर्श करें।

 

दूध पिलाते वक्त शिशु के सिर को ऊंचा रखें

 

नवजात शिशु को दूध पिलाते समय शिशु के सिर को ऊँचा रखना एक सामान्य सुझाव है। यह उनके खान-पान के समय गैस को कम करने में मदद कर सकता है। नीचे इसके लिए एक सुरक्षित तकनीक दी गई है:

शिशु की सुविधा के लिए एक सुखी, सुरक्षित और स्थिर स्थान चुनें। यह एक पालन-पोषण संबंधी या अनुकूल स्थान हो सकता है, जैसे कि मातृस्तन, लपेटन, चारपाई या उच्च सीट।

शिशु को धीरे-धीरे और स्थिरतापूर्वक ऊंचे अवस्थान में ले जाएं, ताकि उनका सिर आसानी से दूध के ताल में हो सके। इसे करते समय ध्यान दें कि उनका सिर अधिक बाएं या दाएं ओर मोड़ा रहे।

शिशु को थोड़ा सा उच्च रखने के लिए आप एक टौल या तकिया उपयोग कर सकते हैं। यह उनके सिर को ढ़ेर संरक्षण देगा और उन्हें उच्च अवस्थान में रखेगा।

दूध पिलाने के दौरान शिशु को संपूर्ण ध्यान दें। सुनिश्चित करें कि वे चूसने के लिए सही पकड़ रखते हैं और कोई अस्वस्थता का संकेत नहीं है।

ध्यान दें कि हर बच्चे के लिए सही तकनीक भिन्न हो सकती है, इसलिए अपने बच्चे की आवश्यकताओं और आराम की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें। यदि आपको किसी भी संदेह या समस्या होती है, तो एक पेडियाट्रिशियन या बाल चिकित्सक से परामर्श करना सर्वोत्तम होगा।

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